FACTS ABOUT STORIES FOR BEDTIME REVEALED

Facts About stories for bedtime Revealed

Facts About stories for bedtime Revealed

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हिंदी कहानियां इतने अच्छे तरीके से बहुत कम लोग लिखते हैं इंटरनेट पर. आप उनमें से एक है और काफी सक्षम है.

निस्वार्थ भाव से व्यक्ति को मित्रता करनी चाहिए। संकट में मित्र ही काम आता है।

कहानी एक ऐसा जरिया हैं, जिससे बच्चों को अच्छे संस्कार, अनुशासन, अच्छा व्यक्ति आदि की प्रेरणा मिलती है। कहानियां बच्चों को सही गलत की पहचान करना सिखाती है और जीवन में सही मार्ग का चयन करने में मदद करती है।

उन्होंने देखा बच्चे पीपल के पेड़ के नीचे खेल रहे हैं। वह विषधर को परेशान कर रहे थे। विषधर कुछ नहीं कर रहा है।

पिताजी भी गए हुए हैं, अब मैं तुम्हें स्कूल पहुंचा कर गांव निकलूंगी।

बच्चों के लिए हिंदी कहानियाँ सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं हैं, बल्कि शिक्षा का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। ये कहानियाँ बच्चों को नैतिक शिक्षा और प्रेरणा प्रदान करती हैं, साथ ही उन्हें जीवन जीने का सही तरीका भी सिखाती हैं।

व्यक्ति को कभी हताश नहीं होना चाहिए परिस्थितिया विपरीत क्यों न हो उसको अपने अनुकूल बनाना चाहिए। जब परिस्थितियां अनुकूल नहीं होती तभी व्यक्ति अपने आप को निकाल सकता है।

सन्यासियों का स्नेह और शोक दोनों ही विश्व कल्याण के लिये ही होते हैं।

रमेश के इस सरल स्वभाव को देखकर प्रधानाचार्य खुशी हुए और उन्होंने रमेश से बताया कि तुम्हारे माता-पिता ने फोन करके तुम्हारे स्कूल ना आने का कारण मुझे पहले ही बता दिया था।

बुद्धि का प्रयोग समय पर करना चाहिए इससे भविष्य की रचना होती है अन्यथा मृत्यु।

रितेश उदास हो गया रो-रोकर आंखें लाल हो गई। रितेश अब पार्क में बैठ कर रोने लगा। कुछ देर बाद वह देखता है कि उसके तीनों खरगोश घास खा रहे थे , और खेल रहे थे। रितेश को खुशी हुई और वह समझ गया कि इन को भूख लगी थी इसलिए यह पार्क में आए हैं। मुझे भूख लगती है तो मैं मां से खाना मांग लेता हूं। पर इनकी तो मैं भी नहीं है। उसे दुख भी हुआ और खरगोश को मिलने की खुशी हुई।

श्याम अपने घर मार्कशीट लेकर गया जिस पर उसके माता-पिता ने देखा और बहुत उदास हुए। उन्हें उदासी हुई कि एक मेरा बेटा इतना अच्छा पढ़ने में bedtime stories है और दूसरा इतना नालायक। श्याम किसी भी विषय में पास नहीं हो पाया।श्याम के माता -पिता को बहुत दुखी हुई उन्होंने किसी से कुछ नहीं कहा मगर अंदर ही अंदर वह बहुत दुखी होते रहे।

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पेंटिंग की कोई भी प्रतियोगिता स्कूल में होती, तो उसमें वह प्रथम स्थान प्राप्त करता। मुकेश की पेंटिंग की सराहना स्कूल में भी की जाती थी।

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